Tuesday, March 13, 2012
11 संगणक है ज्ञानकोष DTP done
भाग ११
संगणक है ज्ञानकोष
ईमेल से भेजा गया संदेश केवल प्वॉइंट टू प्वॉइंट या एक व्यक्तिसे दूसरे एक व्यक्तितक है। फिर भी प्रगत तंत्रज्ञान का लाभ उठाते हुए गूगल या यू-ट्यूब या अमेझॉन जैसी कंपनियोंने कुछ ऐसी सुविधा निर्माण की जिससे हम अंतरिक्षके अवकाशमें अपनी अपनी मनचाही जानकारी की एक अलमारी बना सकते हैं। इसका प्रचलित नाम है क्लाउड या बादल। उसके लिये ये कंपनियाँ हमें रजिस्ट्रेशन देती हैं जैसा ईमेल अकाऊंट बनानेके लिये देती हैं। ये कुछ उसी तरह है जैसे नगरपालिका घरोंको रजिस्ट्रेशन और पता बहाल करती हैं और फिर उस पतेको ढूँढते हुए मेहमान हमारे घरपर आ सकते हैं। इसी प्रकार जिसे भी हमारे इस बादल का पता मालूम हो, वह उसपर पहुँचकर वहाँ लिखी जानकारी पढ सकता है। हम अपने आलेख, फोटो , व्हिडियो इत्यादि सब जानकारी इस बादल में रख सकते हैं। गूगल, याहू आदिके अपने अपने बादल भी हैं। साथ ही उनके पास ऐसे सर्च इंजिन्स हैं कि ऐसे सभी बादलों में रखी गई जानकारी तक वे सहजता से पहुँच सकते है और दूसरों को भी वहाँ पहुँचा सकते हैं। ये कुछ पुस्तकालय जैसा भी है। वहाँ पुस्तकें रखी होती हैं, हम जाते हैं, मनचाहे पुस्तक या विषयको पूछते हैं -- वहाँ कोई जानकार व्यक्ति काम सँभाल रहा होता है -- वह फटाफट बताता है कि अमुक जगह से पुस्तक लो, फिर हम पुस्तक लेकर पढने बैठ जाते हैं।
इसलिये यदि हमने गूगल सर्च इंजिन में जाकर वहाँ लिखा “भारत” तो सर्च इंजिन सारे बादलों में छान मारेगा और जिस बादल के जिस भी आलेखन में “भारत” शब्द आता हो, उस हर आलेखन की सूची बनाकर हमारे सामने रख देगा। जैसे अभी मैने गूगल सर्च पर देवनागरी लिपीमें भारत शब्द टाइप किया तो मुझे एक सूची दिखाई गई जिसके आरंभमें लिखा था कि सभी बादलोंके करीब ७२ लाख आलेखोंमें यह शब्द है और इस जानकारीको खोजकर मेरे सामने रखने के लिये गूगल सर्च इंजिनको केवल ५९ सेकेंड लगे। यही शब्द अंग्रेजीमें लिखकर सर्च किया तो एक करोड तीस लाख आलेख मिले जो खोजनेमें सर्च-इंजिनको ६६ सेकेंड लगे। अंग्रेजीमें टंकित इंडिया शब्दके लिये ७० करोडसे अधिक प्रविष्टियाँ हैं (७७ सेकेंड) और कन्नड लिपीमें भारत लिखकर खोजनेपर 3 लाख प्रविष्टियाँ मिलीं (६९ सेकेंड) ।
इस उदाहरण से तुम समझ गये होगे कि संगणक पर इंटरनेट शुरू करतेही हमें ज्ञान के एक अदभुत व विस्तृत संसार में झाँकने का मौका मिल जाता है। इन ज्ञानमेघोंमें विश्वके कई अखबार पूरे के पूरे मिल जायेंगे तो कई लेखकोंने अपनी अपनी पूरी पुस्तकें डाल रखी होंगी। ऑडियो तथा विडियो सामग्री भी होगी । हम उन्हें पढ सकते हैं। प्रश्न पूछ सकते हैं। मित्र- मंडली की स्थापना कर एक दूसरे से जानकारी ले सकते हैं।
एक असीम और हर प्रकारके ज्ञानका, कभी खतम न होनेवाला खजाना हमारे लिये खुल जाता है और हम उसमे से जो लेना चाहें ले सकते हैं।
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